Archive for November 2013

वास्कोडिगामा की सच्चाई - Reality of vasco da gama

वास्कोडिगामा की सच्चाई - Reality of vasco da gama 
आज से लगभग ५०० साल पहले, वास्को डी गामा आया था हिंदुस्तान. इतिहास की चोपड़ी में, इतिहास की किताब में हमसब ने पढ़ा होगा कि सन. १४९८ में मई की २० तारीख को वास्को डी गामा हिंदुस्तान आया था. इतिहास की चोपड़ी में हमको ये बताया गया कि वास्को डी गामा ने हिंदुस्तान की खोज की, पर ऐसा लगता है कि जैसे वास्को डी गामा ने जब हिंदुस्तान की खोज की, तो शायद उसके पहले हिंदुस्तान था ही नहीं.

वास्को डी गामा यहाँ आया था भारतवर्ष को लुटने के लिए, एक बात और जो इतिहास में, बहुत गलत बताई जाती है कि वास्को डी गामा एक बहूत बहादुर नाविक था, बहादुर सेनापति था, बहादुर सैनिक था, और हिंदुस्तान की खोज के अभियान पर निकला था, ऐसा कुछ नहीं था, सच्चाई ये है.............................................

वन्दे मातरम् VS जन - गण - मन

वन्दे मातरम की कहानी
ये वन्दे मातरम नाम का जो गान है जिसे हम राष्ट्रगीत के रूप में जानते हैं उसे बंकिम चन्द्र चटर्जी ने 7 नवम्बर 1875 को लिखा था | बंकिम चन्द्र चटर्जी बहुत ही क्रन्तिकारी विचारधारा के व्यक्ति थे | देश के साथ-साथ पुरे बंगाल में उस समय अंग्रेजों के खिलाफ जबरदस्त आन्दोलन चल रहा था और एक बार ऐसे ही विरोध आन्दोलन में भाग लेते समय इन्हें बहुत चोट लगी और बहुत से उनके दोस्तों की मृत्यु भी
Tuesday 26 November 2013
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कसाइयो के कुतर्क के उत्तर और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गौ रक्षा का निर्णय - राजीव दीक्षित जी

Supreme court ने कहा गाय का कतल बंद करो !! तो भारत एक ऐसा देश बन गया है जहां कत्ल ही कत्ल होता है ! पहले आप सब ये जान ले भारत मे 3600 कत्लखाने ऐसे हैं जिनके पास गाय काटने का लाइसेन्स है ! इसके इलावा 36000 कत्लखाने गैर कानूनी चल रहे हैं ! प्रति वर्ष ढाई करोड़ गायों का कत्ल किया जाता है ! 1 से सवा करोड़ भैंसो का , और 2 से 3 करोड़ सुअरो का ,बकरे -बकरियाँ ,मुर्गे मुर्गियाँ आदि छोटे जानवरों की संख्या भी करोड़ो मे हैं गिनी नहीं जा सकती ! तो भारत एक ऐसा देश बन गया है जहां कत्ल ही कत्ल होता है ! तो ये सब जब उनको सहन नहीं हुआ तो सन 1998 मे राजीव भाई और राजीव भाई जैसे कुछ समविचारी लोगो ने सुप्रीम कोर्ट मे मुक़द्दमा किया ! 
Monday 25 November 2013
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हिन्दू के अवनति के कारण और निवारण

हिन्दू की प्रवृति (उनके धर्म ग्रन्थ के शिक्षाओं के विपरीत) स्वाभाविक रूप से सुख- सुविधा व ऐश्वर्य के प्रति जाती है| जब कभी मैं हकीकत राय के मेला पर गया, एक बात ने मुझ पर बड़ा प्रभाव डाला| हकीकत राय की समाधि पर लोग जाए है, पौराणिक हिन्दू एक पुष्प लेते है, समाधी पर चढ़ा देते है, फिर पतंग उड़ाने और मिठाइयाँ खाने में लग जाते है| शिक्षित वर्ग के व आर्यसमाजी विचार के लोग पुष्प नहीं चढाते, केवल मिठाई खाने और भ्रमण मनोरंजन में समय बिताते है| हकीकत राय की हत्या का दिन हो और लोग मिठाइयाँ खाते फिरे? अर्थात जो शोक का दिन था उसे भी हिन्दुओ ने हर्ष में परिवर्तित कर दिया|
Friday 15 November 2013
Posted by Anonymous
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चूना का चमत्कार - भाई राजीव दीक्षित जी

// पत्थर के रोगी को चुना नहीं खाना है//
चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर बीमारी ठीक कर देता है !!!!

जैसे किसीको पीलिया हो जाये माने जोंडिस उसकी सबसे अच्छी  दवा है चूना; गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है । और यही चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है - अगर किसीके शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना । विद्यार्थीओ के लिए
Tuesday 5 November 2013
Posted by Anonymous

क्या स्त्रियों को वेदाध्ययन का अधिकार हैं ?

सत्य सनातन वैदिक धर्म के शास्त्रो में , महिलाओ के वेदाध्ययन करने के असंख्यों प्रमाण है। इन असंख्यों प्रमाणो को अनदेखा करते हुये कुछ अज्ञानीजन "गिने चुने कुछ प्रक्षिप्त श्लोको" के आधार पर , स्त्रियो को अनाधिकारिणी सिद्ध करने का मूर्खतापूर्ण प्रयास करते रहते है। यह लोग विद्या के लिए, विद्या की देवी सरस्वती जो स्त्री देह धारिणी है, उनकी उपासना करते है और स्त्रीयों को वेदपाठ से वंचित करने की बात करते... है। मतलब पहले विद्या के लिए स्त्री सरस्वती जी की शरण मे जाना, और विद्याप्राप्ति के पश्चात ये 'फतवा' जारी कर देना कि स्त्रीयों को अधिकार नहीं है , हास्यास्पद है।
Friday 1 November 2013
Posted by Anonymous

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