Archive for January 2014
SYRIAN CRISIS –An Outcome of Past Sectarianism (Hindi)
आज सीरिया बर्बादी के कगार
पर आ चूका है, इसकी स्थिति सरकार के वश से बाहर जा चूकी है| इसके बर्बादी की शुरुआत
मार्च २०११ में हुई जब तानाशाही के विरोध में किया गया प्रदर्शन हिंसक और सशस्त्र
क्रांति में परिवर्तित हो गया. ये प्रदर्शन “अरब स्प्रिंग” नामक आन्दोलन का एक
हिस्सा था. सीरिया के नागरिक असद के तानाशाही शासन के विरोध में खड़े हुए और
लोकतंत्र की मांग की. कट्टरवादी संगठन मुस्लिम “ब्रदरहुड” इस अवसर का लाभ उठा कर
सीरिया को एक ऐसा राष्ट्र बनाने के प्रयास में लग गए जो इस्लामी शरिया कानून
द्वारा शासित हो. इसका प्रयास वे सीरिया के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही कर
रहे थे. कट्टरवादी संगठनो के शामिल होने से इस आन्दोलन ने साम्प्रदाइक रंग पकड़
लिया.