Archive for March 2014
दहेज़ प्रथा: हिन्दू समाज पर कलंक
दहेज़ प्रथा देश और समाज के लिए अभिशाप हैं,आज दहेज के कारण समाज में अनेक तरह की बुराइयां जन्म ले रही हैं। दहेज़ के नाम पे कन्या पक्ष के लोगो का शोषण किया जा रहा हैं और कन्यायों को तरह- तरह कि यातना दी जाती हैं जो कि महापाप हैं| हालाँकि अभी के समय में सभी लोग परिचित है की दहेज़ क्या होता है, तथापि एक परिचय के साथ इस गंभीर मुद्दे को आपके समक्ष रखना अवश्यक है. दहेज का अर्थ है जो सम्पत्ति, विवाह के समय वधू के परिवार की ओर से वर को दी जाती है। आज हम इसका विकृत रूप समाज में देखते है. भारत में दहेज़ की पुरानी परंपरा रही है, परन्तु समय के साथ ये विकृत होता गया, और आज ये एक ऐसे स्वरुप में परिणत हो गया है की कोई सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता. आज इस लेख में हम इसके शुरुआत के कारण, इसके विकृत रूप का परिणाम तथा इसके निवारण के उपायों में बारे में देखेंगे.
Friday 21 March 2014
Posted by Ashutosh Garg
राम नाम के बैन होने के मायने
अभी ये खबर आई कि सऊदी में "राम" और कई ऐसे और नाम को प्रतिबंधित कर दिया गया उसका लेख जैसा की पंजाब केसरी के वेबसाइट पर आया उसका कुछ अंश ये है -
"सऊदी
अरब राजपरिवार ने भारतीय नामों समेत 50 नामों को सांस्कृतिक और धार्मिक
भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताकर बैन कर दिया है। सऊदी अरब में अब
भारतीय माता-पिता अपने बच्चों का नाम राम, माया, रामा या फिर आमिर नहीं रख
सकेंगे। सऊदी अरब ने नामों को बैन करने के समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि
है कि ये नाम धार्मिक संवेदनाओं को आहत करते हैं, राजपरिवार से जुड़े हुए
हैं और गैर-इस्लामी मूल के हैं।
सऊदी अरब में करीब सात फीसदी तादाद भारतीय मूल के लोगों की है। आमिर एक पॉप्युलर मुस्लिम नाम है, जिसका मतलब राजकुमार होता है। वहीं माया, राम, रामा और मल्लिका बेहद आम हिंदू नाम हैं।"
सऊदी अरब में करीब सात फीसदी तादाद भारतीय मूल के लोगों की है। आमिर एक पॉप्युलर मुस्लिम नाम है, जिसका मतलब राजकुमार होता है। वहीं माया, राम, रामा और मल्लिका बेहद आम हिंदू नाम हैं।"
इस बैन के बारे में दिया गया कारण और भी दिलचस्प है अभी हम उसका विश्लेषण करेंगे -
Wednesday 19 March 2014
Posted by Ashutosh Garg
काश "आप" राजनीती में न आते
आज जो अरविन्द जी की स्थिति
है उसे देखकर मुझे तरस भी आता है दुःख भी होता है. आज जिस प्रकार से सभी अरविन्द
जी का विरोध बीजेपी और अन्य राजनितिक दलों के समर्थकों द्वारा हो रहा है, तथा जो
दुर्गति उनके व्यक्तित्व का सोशल मीडिया पर हुआ है वो सचमुच चिंतनीय है. अब भी ये
बहस का विषय हो सकता है कि राजनीति में आने के पीछे केजरीवाल का अपना स्वार्थ छुपा
था अथवा नहीं परन्तु उनके आने से कई ऐसे लोग जिनकी राजनितिक मंशा पूरी नहीं हो पा
रही थी उन्हें अवश्य लाभ हुआ था अतः ये नहीं कहा जा सकता की सभी लोग जो
Thursday 13 March 2014
Posted by Ashutosh Garg