Archive for December 2013
ARTICLE 370 - THE FALLACY THAT NEEDS TO DIE DOWN
Article
370
Article 370 of the
Constitution is making a mockery of secularism, nationalism
and the structure of unity. This
temporary constitutional provision has, in fact,
been
providing encouragement for the establishment of Muslim nation.
Article 370 of the Constitution, which has grouped Jammu and Kashmir as a special and different state, ridicules this declaration that Kashmir is an inseparable part of India. This special status delinks the state from rest of the country. It won't be an exaggeration if it is called constitutionally recognised separatism. On the basis of this "special status" people of Kashmir, Pakistani rulers and diplomats and intellectuals in the world raise a volley of questions in front of the Government of India. Is accession of Jammu and Kashmir complete like other states? If the accession is complete, why then the special appeasement? Is it so because there is Muslim majority? Had there been Hindu majority in the Kashmir valley, would there have been this clause of the Constitution? Does not this clause give an opportunity to the world to doubt our honesty?
Saturday 21 December 2013
Posted by Unknown
कैंसर की चिकित्सा - भाई राजीव दीक्षित जी
Edited by - Arya Ashutosh Garg
कैंसर बहुत तेज़ी से बढ रहा है इस देश में। हर साल बीस लाख लोग कैंसर से मर रहे है और हर साल नए Cases आ रहे है । और सभी डॉक्टर्स हाथ-पैर डाल चुके है । राजीव भाई की एक छोटी सी विनती है याद रखना कि … " कैंसर के patient को कैंसर से death नही होती है, जो treatment दिया जाता है उससे death होती है " । यानि कैंसर से जादा खतरनाक कैंसर का treatment है । Treatment कैसा है आप सभी जानते है .. Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया । इसमें क्या होता है के शारीर का जो प्रतिरक्षक शक्ति है (Resistance) वो बिलकुल ख़तम हो जाते है।
कैंसर बहुत तेज़ी से बढ रहा है इस देश में। हर साल बीस लाख लोग कैंसर से मर रहे है और हर साल नए Cases आ रहे है । और सभी डॉक्टर्स हाथ-पैर डाल चुके है । राजीव भाई की एक छोटी सी विनती है याद रखना कि … " कैंसर के patient को कैंसर से death नही होती है, जो treatment दिया जाता है उससे death होती है " । यानि कैंसर से जादा खतरनाक कैंसर का treatment है । Treatment कैसा है आप सभी जानते है .. Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया । इसमें क्या होता है के शारीर का जो प्रतिरक्षक शक्ति है (Resistance) वो बिलकुल ख़तम हो जाते है।
Thursday 19 December 2013
Posted by Ashutosh Garg
Tag :
Analysis,
Forum,
Health,
Hinduism,
History,
India,
Myth Busters,
Rajiv dixit,
Reality,
Response
फिर जग उठे हमारा शाश्वत भारत
By - Arya Ashutosh Garg
यदि पृथ्वी पर ऐसा कोई देश है, जिसे हम धन्य पुण्य भूमि कह सकते है, कोई ऐसा स्थान है जहाँ पृथ्वी के सभी जीवों को अपना कर्म फल भोगने के लिए आना पडता है, यदि कोई स्थान है जहाँ ईश्वर की ओर उन्मुख होने के प्रयत्न में संलग्न रहने वाले जीव मात्र को अंततः आना होगा, यदि कोई ऐसा देश है जहाँ मानव जाती की क्षमा, धृति, दया, शुद्धता आदि सद्वृतियो का सर्वाधिक विकास हुआ है और यदि कोई ऐसा देश है जहाँ अध्यात्मिकता तथा आत्मान्वेषण का सर्वाधिक विकास हुआ है तो वह अपना देश भारत ही है| अत्यंत प्राचीनकाल से ही यहाँ
यदि पृथ्वी पर ऐसा कोई देश है, जिसे हम धन्य पुण्य भूमि कह सकते है, कोई ऐसा स्थान है जहाँ पृथ्वी के सभी जीवों को अपना कर्म फल भोगने के लिए आना पडता है, यदि कोई स्थान है जहाँ ईश्वर की ओर उन्मुख होने के प्रयत्न में संलग्न रहने वाले जीव मात्र को अंततः आना होगा, यदि कोई ऐसा देश है जहाँ मानव जाती की क्षमा, धृति, दया, शुद्धता आदि सद्वृतियो का सर्वाधिक विकास हुआ है और यदि कोई ऐसा देश है जहाँ अध्यात्मिकता तथा आत्मान्वेषण का सर्वाधिक विकास हुआ है तो वह अपना देश भारत ही है| अत्यंत प्राचीनकाल से ही यहाँ
पलासी के युद्ध की सच्चाई- राजीव दीक्षित
अंग्रेजो का आगमन और पलासी के युद्ध की सच्चाई-
आगमन-
अंग्रेजो ने लूट का तरीका बदला. उन्होंने अपनी एक कंपनी बनाई, उसका नाम ईस्ट इंडिया रखा. ईस्ट इंडिया कंपनी को ले के सबसे पहले सुरत (गुजरात) में आए, ये बहुत बड़ा दुर्भाग्य है इस देश का कि जब जब इस देश की लुट हुई है इस देश की गुजरात के रास्ते हुई है. जितने लोग इस देश को लुटने के लिए आए बाहर से वो गुजरात के रास्ते घुसे इस देश में. इसको समझिए क्यों ? क्योकि गुजरात में सम्पत्ति बहुत थी, और आज भी है. तो अंग्रेजो को लगा कि सबसे पहले लुटने के लिए चलो सूरत, पुरे हिंदुस्तान में कही नहीं गए, सबसे पहले सुरत में आए. और सुरत में आ के ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए कोठी बनानी है,
Thursday 5 December 2013
Posted by Ashutosh Garg
वास्कोडिगामा की सच्चाई - राजीव दीक्षित
Reality of vasco da gama
आज से लगभग ५०० साल पहले, वास्को डी गामा आया था हिंदुस्तान. इतिहास की चोपड़ी
में, इतिहास की किताब में हमसब ने पढ़ा होगा कि सन. १४९८
में मई की २० तारीख को वास्को डी गामा हिंदुस्तान आया था. इतिहास की चोपड़ी में
हमको ये बताया गया कि वास्को डी गामा ने हिंदुस्तान की खोज की, पर ऐसा लगता है कि जैसे वास्को डी गामा ने जब
हिंदुस्तान की खोज की, तो
शायद उसके पहले हिंदुस्तान था ही नहीं.
वास्को डी गामा यहाँ आया था
भारतवर्ष को लुटने के लिए, एक बात और जो इतिहास में, बहुत गलत बताई जाती
है कि वास्को डी गामा एक बहूत बहादुर नाविक था, बहादुर सेनापति था, बहादुर सैनिक था, और हिंदुस्तान की खोज के अभियान पर निकला था, ऐसा कुछ नहीं था, सच्चाई ये है.............................................
Sunday 1 December 2013
Posted by Ashutosh Garg